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कॉमेडी, रिएलिटी बने सरताज, नए सीरियल फ्लॉप

टीवी राउंडअप-2013 प्रदीप सरदाना इस बरस यूं तो टीवी पर दर्शकों के लिए बहुत कुछ था। ऐतिहासिक,धार्मिक सीरियल भी थे तो सास बहू की पुरानी कहानियां भी,प्रेम कहानियों वाले सीरियल की भी भरमार थी और एक्शन की भी कोई कमी नहीं थी लेकिन इस बार बाजी मारी कॉमेडी ने। कलर्स चैनल का ‘कॉमेडी नाइट्स विद […]
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टीवी राउंडअप-2013

प्रदीप सरदाना

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इस बरस यूं तो टीवी पर दर्शकों के लिए बहुत कुछ था। ऐतिहासिक,धार्मिक सीरियल भी थे तो सास बहू की पुरानी कहानियां भी,प्रेम कहानियों वाले सीरियल की भी भरमार थी और एक्शन की भी कोई कमी नहीं थी लेकिन इस बार बाजी मारी कॉमेडी ने। कलर्स चैनल का ‘कॉमेडी नाइट्स विद कपिल’  लगभग सभी को पीछे छोड़ते हुए साल का  सर्वाधिक लोकप्रिय शो बन गया। यूं टीआरपी के आंकड़ों में फिक्शन शो ही आगे दिखाए जाते रहे लेकिन आम जिंदगी में जिसे देखो वह ‘कॉमेडी नाइट्स विद कपिल’ की चर्चा करते हुए पाया गया न कि ‘दिया और बाती’ या ‘जोधा अकबर’ की। जबकि यह शो साल के मध्य में जून में शुरू हुआ था लेकिन दो हफ्ते में ही इसने लोकप्रियता के नए आयाम  बना लिये।
‘कॉमेडी नाइट्स विद कपिल’ की लोकप्रियता की बड़ी मिसाल यह भी है कि  अपनी फिल्म की प्रमोशन के लिए बड़े से बड़े स्टार ने इस शो में आने को पहली प्राथमिकता दी। यहां तक शाहरुख खान तो अपनी ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ के लिए लगातार  तीन हफ्ते तक इस शो  में आते रहे। अक्षय कुमार,रणबीर कपूर,ऋतिक रोशन,सैफ अली,दीपिका पादुकोण, जूही चावला,करीना कपूर,प्रियंका चोपड़ा और सोनाक्षी सिन्हा जैसे सितारे ‘कॉमेडी नाइट्स’ में कपिल संग ऐसे अठखेलियां करते नजर आये मानो कपिल उनके बचपन के दोस्त हों।  इससे कल तक एक साधारण से कॉमेडियन के रूप में पहचाने जाने  वाले कपिल अपने इस शो के माध्यम से स्टार बन गए। यहां तक कि शो में गुत्थी के रूप में आने वाले सुनील ग्रोवर भी इससे इतने लोकप्रिय हो गए कि जब सुनील ने यह शो छोड़ा तो हंगामा बरप गया।

सफल हुए नए प्रयोग
इस बार टीवी पर हुए कुछ नए प्रयोगों ने भी अच्छी सफलता पायी। इनमें एक बड़ा प्रयोग एबीपी न्यूज चैनल ने किया कार्यक्रम ‘प्रधानमंत्री’ के रूप में। शेखर कपूर द्वारा होस्ट किये गए इस कार्यक्रम ने आधुनिक भारत की राजनैतिक गाथा को इतने खूबसूरत ढंग से दिखाया कि दर्शकों को इतिहास के साथ साथ बहुत सी ऐसी बातों का भी पता लगा जो इससे पहले सार्वजनिक नहीं हुई थीं। देश के बनने-बिगडऩे की यह दास्तान पंडित जवाहर लाल नेहरु से लेकर डॉ. मनमोहन सिंह यानी देश के अब तक के सभी प्रधानमंत्रियों के माध्यम से पेश होने से और भी दिलचस्प हो गई। बाद में आज तक और जी न्यूज ने भी कुछ ऐसे ही कार्यक्रम ‘वन्देमातरम’ और ‘भारत भाग्य विधाता’ के नाम से शुरू किये।
दूसरा, इस बार टीवी पर एक बड़े सितारे अनिल कपूर का  अभिनेता के रूप में भी आगमन हुआ। अब तक बड़े सितारे टीवी पर होस्ट और जज के रूप में तो बहुत आते रहे हैं लेकिन हीरो के रूप में सिल्वर स्क्रीन पर चल रहे किसी सितारे ने सीरियल में अभिनेता के रूप में आने का पहला साहस अनिल कपूर ने ’24’ सीरीज से कर दिखाया। मशहूर अमेरिकन सीरीज ’24’ के इस भारतीय संस्करण के निर्माता भी खुद अनिल कपूर थे और लीड एक्टर भी। अनिल कपूर ने ’24’ एपिसोड की सीरीज में अपने  बेहतरीन अभिनय और सीरियल की अच्छी मेकिंग से दिल खुश कर दिया।

ऐतिहासिक सीरियल
बहुत कुछ नया करने के बावजूद हमारे चैनल और सीरियल निर्माता अभी तक उसी  ढर्रे पर चलने पर भी मजबूर दिखते हैं कि यदि एक चैनल कुछ शुरू करता है तो बाकी भी वैसा ही शुरू करने में जुट जाते हैं। इस कारण इस बार एक साथ तीन-चार ऐतिहासिक सीरियल का प्रसारण शुरू हुआ। इसमें जहां सोनी चैनल ने ‘महाराणा प्रताप’ दिखाया तो जी टीवी ने ‘जोधा अकबर’ और ‘बुद्धा’। वहीं स्टार प्लस ने ‘महाभारत’, जिसे धार्मिक-पौराणिक के साथ ऐतिहासिक सीरियल की श्रेणी में भी रखा जाता है। हालांकि  ‘महाभारत’ इससे पहले भी तीन बार टीवी पर आ चुका है जिसमें सफलता सिर्फ बी आर चोपड़ा के ‘महाभारत’ को ही मिली। फिर भी स्टार प्लस अपने इस ‘महाभारत’ को ड्रीम प्रोजेक्ट  के रूप में ले रहा था और इसके निर्माण में पिछले लगभग 5 साल से जुटा था पर इस सबके बावजूद इस ‘महाभारत’ का असर मिला जुला रहा। कुछ दर्शकों को यह पसंद आ रहा है तो कुछ ने इसे सिरे से नकार दिया। इससे ‘महाभारत’ अच्छी टीआरपी के लिए तरस गया है। साथ ही ‘महाराणा प्रताप’ और ‘बुद्धा’ सीरियल भी चल नहीं पाए। लेकिन एकता कपूर के ‘जोधा अकबर’ को अच्छी सफलता मिली है जबकि इसे शुरू में कई विवादों का सामना करना पड़ा लेकिन अब यह जी टीवी का नंबर वन सीरियल बन गया है।

छाए रहे पुराने सीरियल
यदि ध्यान से देखें तो नए सीरियल में मुश्किल से  दस में कोई एक सीरियल सफल हो पा रहा है इससे सभी चैनल अपने पुराने सीरियल के सहारे ही टिके हुए हैं। बीच- बीच में पुराने सीरियल कभी दम तोड़ते से लगते हैं लेकिन कुछ दिन में कहानी में लीप या कोई नया ट्विस्ट देकर उस सीरियल को फिर से पटरी पर ले लिया जाता है। ऐसे पुराने सीरियल में जहां कलर्स का ‘बालिका वधु’ अब 1460 एपिसोड से आगे बढ़ गया है वहां जी टीवी पर ‘पवित्र रिश्ता’ भी 1200 एपिसोड के आसपास चल रहा है। वहीं स्टार प्लस का ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के 1300 से भी ज्यादा एपिसोड हो गए हैं और स्टार प्लस का ‘दिया और बाती’ के लगभग  620 एपिसोड हो गए हैं और यह स्टार प्लस का लगातार  नंबर वन सीरियल बना हुआ है। ऐसे ही ‘साथिया’,’ससुराल सिमर का’ और ‘उतरन’ सीरियल भी काफी समय से चल रहे हैं। लेकिन इसमें ‘उतरन’ तो जमकर बोर कर रहा है लेकिन कलर्स इसे बंद न करने की जिद पर अड़ा है। जबकि कलर्स के खाते में और भी कई सफल शो मौजूद हैं। हालांकि अब कलर्स को अपने ‘मधुबाला’ सीरियल के बारे में भी सीरियसली  सोचना चाहिए। कुछ समय पहले तक ‘मधुबाला’ ने निश्चय ही दर्शकों को बांधे रखा था पर अब इस सीरियल से दर्शकों की डोर टूट गई है,अनेक पुराने दर्शकों ने इसे देखना छोड़ दिया है। ऐसे ही सोनी चैनल अपने बुरी तरह पिट चुके सीरियल ‘बड़े अच्छे लगते हैं’ को जबरदस्ती खींचने में लगा है। जबकि दर्शक अब इसे ‘बड़े बुरे लगते हैं’ कहने लगे हैं। पर सोनी चैनल की मजबूरी यह है कि उसके पास आज की तारीख में कोई भी हिट सीरियल नहीं है। इससे सोनी की हालत बद से बदतर होती जा रही है। जबकि पिछले दो बरसों में सोनी ने अपनी बुरी हालत से उबरते हुए बहुत अच्छी उड़ान भरी थी। एक बार तो यह कलर्स और जी टीवी को पछाड़ते हुए नंबर दो बन गया था। फिर यह तीसरे नंबर पर भी बना रहा लेकिन स्टार प्लस तो लगातार नम्बर वन बना हुआ है और दूसरे नम्बर पर कलर्स और जी टीवी आगे पीछे हो रहे हैं। जब कि सोनी छठे पायदान पर पहुंच गया है। दो साल पहले शुरू हुआ लाइफ ओके चैनल आज चौथे- पांचवें स्थान पर है तो सोनी का ही अपना दूसरा चैनल सब टीवी भी चौथे-पांचवें स्थान पर रहकर सोनी से आगे है। इन दिनों सोनी की लाज सी आई डी जैसा पुराना क्राइम थ्रिलर बचाए हुए है जो अपने 1030 एपिसोड के बाद भी शान से चल रहा है।

कॉमेडी का जलवा
सब टीवी देश का अकेला ऐसा चैनल है जो  सिर्फ कॉमेडी के बल पर चलकर बड़े बड़े मनोरंजन चैनल को अच्छी खासी टक्कर दे रहा है। सब टीवी का ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ तो सभी चैनल के सीरियल में टॉप 3 में रहकर सभी को चौंका रहा है जबकि ‘तारक मेहता’ के 1300 एपिसोड हो चुके हैं लेकिन इसकी कॉमेडी का जलवा कम होने की जगह अक्सर बढ़ता ही रहा है। ऐसे ही सब टीवी के ‘चिडिय़ाघर’ और ‘एफआईआर’ सफल चल रहे हैं। हालांकि इस बरस बीच में ‘एफ आई आर’ की टीआरपी तब धड़ाम से नीचे गिर गई थी जब इसमें चंद्रमुखी चौटाला के रोल में कविता कौशिक को हटाकर चित्राशी रावत को ले लिया था। अब कविता की वापसी के साथ इस सीरियल ने 1075 एपिसोड पूरे कर लिए हैं। सब टीवी ने इस बार नए-पुराने कवियों को लेकर ‘वाह वाह क्या बात है’ नाम से कवि सम्मेलन भी शुरू किया जिसे दर्शकों का अच्छा प्रतिसाद मिला।

महादेव की महिमा
कोई चैनल अपने एक सीरियल के कारण भी लम्बे डग भर सकता है उसका सबसे बड़ा उदाहरण लाइफ ओके चैनल और इसका सीरियल ‘महादेव’ है। दो साल पहले जब लाइफ ओके शुरू हुआ था तो  चैनल के साथ ही ‘महादेव’ सीरियल की शुरुआत हुई ,तब से अब तक ‘महादेव’ की महिमा ने सभी को अभिभूत किया हुआ है। बड़ी बात यह है कि इस सीरियल में एक से एक ऐसी कहानियां आ रही हैं जिनमें कुछ तो  शिव के परम भक्तों को भी पता नहीं थीं। लेकिन सभी कहानियां बिना किसी विवाद के सर्वमान्य हो रही हैं। जबकि धार्मिक सीरियल अक्सर किसी न किसी प्रसंग के कारण विवादों में घिरते रहे हैं। उधर लाइफ ओके  के अन्य सीरियल चल नहीं पा रहे हैं मगर ‘महादेव’ की लोकप्रियता बराबर बनी हुई है।

रियलिटी शो
इस साल शुरू हुए ‘जोधा अकबर’, ’24’ और ‘बानी’ जैसे कुछेक फिक्शन सीरियल को छोड़ कर लगभग तमाम नए सीरियल धराशायी हो गए। लेकिन इस साल रियलिटी शो का जादू खूब चला जिनमें ‘कॉमेडी नाइट्स विद कपिल’ की बात तो हम पहले ही कर चुके
हैं। इसके अलावा ‘बिग बॉस’,’झलक दिखला जा’ ,’इंडियन आइडल जूनियर’ और ‘नच बलिये’ जैसे शो शामिल हैं जिन्होंने  जमकर
धूम मचाई। कलर्स पर  ‘बिग बॉस’ के पिछले 2 सीजन अच्छे नहीं गए थे लेकिन ‘बिग बॉस-7’ काफी लोकप्रिय रहा। इस बार शुरू में स्वर्ग नरक का कांसेप्ट तो पसंद नहीं आया लेकिन जैसे ही स्वर्ग-नरक की दीवार हटकर सब एक हुआ  तो यह शो चल पड़ा। सलमान की जबरदस्त होस्टिंग के कारण तो ‘बिग बॉस-7’ में सात रंग आते रहे। सलमान द्वारा प्रतियोगियों की हर हफ्ते क्लास लेना दर्शकों ने खूब पसंद किया। यूं सलमान पर कुछ प्रतियोगियों के साथ पक्षपात के आरोप भी लगे लेकिन सलमान पर वे आरोप न्यायसंगत नहीं थे। सलमान ने जो किया अच्छा किया। इधर इस बार का ‘बिग बॉस’ जितना विवादों में रहा उतना विवाद तो अभी तक के सभी 6 संस्करणों में मिलकर नहीं हुआ। यहां तक यह भी पहली बार हुआ कि घर के झगड़े पुलिस तक पहुंचे जिसके चलते अरमान कोहली को गिरफ्तारी और जमानत तक देनी पड़ी।
‘झलक दिखला जा’ इस बार भी पसंद किया गया। इसकी सफलता में माधुरी दीक्षित की ग्रेसफुल पर्सनेलिटी का भी बड़ा योगदान है। ‘नच बलिये’ को शुरू हुए ज्यादा दिन नहीं हुए मगर यह अभी तो सही जा रहा है। लेकिन इस बार जिस रियलिटी शो ने सबसे ज्यादा मन मोहा ,वह है ‘इंडियन आइडल जूनियर’। सोनी चैनल की कोई और उपलब्धि चाहे साल भर नहीं रही मगर इस जैसा शो लाकर सोनी ने बहुत अच्छा काम किया। यूं अब से पहले बाल गायक-गायिकाओं की प्रतिभा पर ‘लिटिल चैम्स’ जैसे शो आते रहे हैं लेकिन जैसी कम उम्र की प्रतिभाएं ‘इंडियन आइडल जूनियर’ में आई वे बेमिसाल थीं,लाजवाब थीं। सोनी को अपना यह शो आगे भी जारी रखना चाहिए। इनके अलावा लाइफ ओके का ‘सावधान इंडिया’ और सोनी के ‘क्राइम पेट्रोल’ भी जबरदस्त लोकप्रिय बने हुए हैं।

पर केबीसी नहीं चला…
इस बार का बड़ा आश्चर्य यह रहा कि कई बरसों से हिट केबीसी इस बार बुरी तरह फेल हो गया। हालांकि अमिताभ बच्चन ने इस बार भी इसे उसी दिलकश अंदाज में पेश किया था जिसके लिए यह शो मशहूर रहा है। लेकिन केबीसी में हॉट सीट पर आने के लिए बदले नियम किसी को भी रास नहीं आये। हॉट सीट पर आने के लिए प्रतियोगी का तीन चरणों से गुजरना उबाऊ और निराशाजनक प्रक्रिया थी जबकि पहले सिर्फ एक प्रक्रिया से ही हॉट सीट पर पहुंचने या न पहुंचने का फैसला हो जाता था।

दूरदर्शन ने किया निराश
मुख्य मनोरंजक चैनल के साथ यदि देश के सबसे पुराने चैनल दूरदर्शन की बात करें तो दूरदर्शन ने  इस बार निराश ही किया। इस साल वह अपना कोई भी ऐसा नया सीरियल शुरू नहीं कर सका जो अच्छा लगे। हालांकि इस बरस एक लम्बे अंतराल के बाद दूरदर्शन पर एकता कपूर ने अपने सीरियल ‘पवित्र बंधन’ से वापसी की लेकिन एकता का यह बंधन दूरदर्शन के दर्शकों को बांध नहीं सका। इसके अतिरिक्त दूरदर्शन ने अन्य  चैनल्स के सीरियल को अपने यहां दिखाकर अपने दर्शक बढ़ाने की कोशिश की। इसके तहत डीडी ने स्टार प्लस व जी टीवी के ‘सरस्वती चन्द्र’, और ‘बुद्धा’ को अपने यहां दिखाया लेकिन यहां  यह सवाल उठता है कि दूरदर्शन की हालत आज क्या इतनी पतली हो गई है कि वे इतना बड़ा नेटवर्क और करोड़ों रुपये के बजट के बाद  भी अपने लिए अच्छे कार्यक्रम नहीं बनवा सकता और इसके लिए उसे उन्हीं प्राइवेट चैनल्स का मुंह ताकना पड़ता है जिनसे डी डी  की प्रतिस्पर्धा है।

भीड़ में निराले चैनल
उधर बच्चों के कार्टून नेटवर्क  और पोगो चैनल के साथ डिस्कवरी और नेशनल जियोग्राफिक जैसे चैनल बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। पोगो चैनल का ‘छोटा भीम’ और कार्टून नेटवर्क का ‘उगी  एंड कॉकरोचिस’ बच्चों को बहुत पसंद आ रहे हैं तो नेट जियो, हिस्ट्री और  डिस्कवरी चैनल ‘अकेला चल चला चल’ के अंदाज में भीड़ में अलग दिखने वाले ऐसे  चैनल हैं!

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